Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
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लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
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भक्त अपने जीवन में पैदा हुई कठिनाइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए श्री शिव चालीसा का नियमित पाठ करते हैं। श्री शिव चालीसा के पाठ से आप अपने दुखों को दूर कर भगवान शिव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। शिव चालीसा का पाठ हमेशा सुबह shiv chalisa lyricsl जल्दी उठकर स्नान करने के बाद करना चाहिए। भक्त प्रायः सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत, त्रयोदशी व्रत एवं सावन के पवित्र महीने के दौरान शिव चालीस का पाठ खूब करते हैं।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ ।
So, we see that chanting of Shiva Chalisa is drastically valuable for that devotees. It truly is without doubt the simplest method to find the blessings of Lord Shiva. Also, chanting of Shiva Chalisa might be carried out by each men and women of all ages.
शिव पंचाक्षर स्तोत्र